Skip to main content

About us

 

About Us

From our blog, students are given RAS Preliminary and Main Examination, Teachers Grade 1, 2 and 3, Patwari, EO, Hostel Superintendent, Junior Accountant, Jailor, ASI, for all competitive examinations this blog is useful.

If you have any query regrading Site, Advertisement and any other issue, please feel free to contact at rajasthanhistoryculture@gmail.com

Popular posts from this blog

राजस्थान के महत्वपुर्ण प्राचीन अभिलेख | Rajasthan ke pramukh abhilekh

    राजस्थान के महत्वपुर्ण प्राचीन अभिलेख पुरातात्विक स्रोतों के अंतर्गत महत्वपूर्ण स्रोत अभिलेख   हैं। इनमें वंशावली,  तिथि, विजय, दान, उपाधि, नियम, उप नियम,सामाजिक नियमावली अथवा आचार संहिता, विशेष घटना आदि का विवरण उत्कीर्ण करवाया जाता रहा है। जिन अभिलेखों में मात्र किसी शासक की उपलब्धियों की यशोगाथा होती है , उसे ‌‌'प्रशस्ति' कहते हैं। अभिलेखों के अध्ययन को 'ए‌‌पिग्राफी ' कहते हैं। अभिलेखों में शिलालेख, स्तंभ लेख, गुहालेख, मूर्ति लेख, पट्टलेख , आदि आते हैं अर्थात पत्थर, धातु आदि पर लिखे लेख सम्मिलित है। भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक मौर्य के हैं जो प्राकृत मागधी भाषा एवं मुख्यतया ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। शक शासक रूद्र दामन का जूनागढ़ अभिलेख भारत में पहला संस्कृत का अभिलेख हैं। राजस्थान के अभिलेखों की प्रमुख भाषा संस्कृत एवं राजस्थानी है। इनकी शैली गद्य -पद्य है तथा इनकी लिपि महाजनी एवं हर्षकालीन है,लेकिन नागरी लिपि को विशेष रूप से काम में लाया गया है। राजस्थान के इतिहास से सम्बन्धित प्रमुख अभिलेख निम्नलिखित है

राजस्थान इतिहास के प्रमुख ख्यात साहित्य

                          राजस्थान इतिहास के प्रमुख ख्यात साहित्य  -  ख्यात का अर्थ होता है ख्याति अर्थात यह किसी राजा महाराजा की प्रशंसा मे लिखा गया ग्रंथ।   - ख्यात में अतिश्योक्ति में पूर्ण प्रशंसा की जाती है।   - राजस्थान के इतिहास मे 16 वीं शताब्दी के बाद के इतिहास में ख्यातों का महत्वपुर्ण स्थान है।   -  ख्यात विस्तृत इतिहास होता है जबकि ' वात ' संक्षिप्त इतिहास होता है।   - यह वंशावली व प्रशस्ति लेखन का विस्तृत रुप होता है।   - ख्यात साहित्य गद्य मे लिखा गया है।   - प्रतिभाशाली शासको की ख्यातें भी लिखी गयी , उदाहरण के लिये जोधपुर के महाराजा अजीतसिंह की ख्यात रची गयी। 

राजस्थान इतिहास के आधुनिक इतिहासकार

               राजस्थान इतिहास के आधुनिक इतिहासकार  कर्नल जेम्स टॉड, इंग्लैण्ड (1782 - 1835 ई.)  - कर्नल जेम्स टॉड ब्रिटिश निवासी थे जो 1800 ई. में ईस्ट इण्डिया कम्पनी में कार्य करने लगे।   - कर्नल जेम्स टॉड  1806 ई. के जून महिने में उदयपूर आया था।   - कर्नल जेम्स टॉड 1812 - 17 ई. तक लगातार राजस्थान भ्रमण करके ऐतिहासिक साम्रगी का संग्रह किया था।   - 8 मार्च 1818 को कर्नल जेम्स टॉड  मेवाड़ और हाड़ौती का पॉलिटिकल एजेंट ( दक्षिण - पश्चिमी राजपूताने का रेजीडेन्ट ) नियुक्त होकर उदयपूर पहूचां।