Skip to main content

राजस्थान के प्रमुख अभिलेखो के महत्वपूर्ण प्रश्न भाग :1

           राजस्थान के प्रमुख अभिलेखो के महत्वपूर्ण प्रश्न भाग :1



प्र.1 भारतीय पुरातत्व  सर्वेक्षण विभाग की स्थापना कब व किसने की थी ?

उ.  अलेक्जेन्डर कनिंघम , 1861 ई. |


प्र.2 राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण का कार्य किसने व कब किया था ? 

उ.    ए. सी. एल. कार्लाइल व 1871 ई. |


प्र.3 राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग का पुर्नगठन कब हुआ ? 

उ.   1902 ई.| 


प्र.4 राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग का पुर्नगठन किसके नेतृत्व में हुआ था ? 

उ.   जॉन मार्शल | 


प्र.5 अभिलेखों के अध्ययन को क्या कहतें है ? 

उ.    एपिग्राफी | 


प्र.6 भारत में प्राचीनतम अभिलेख किस भाषा में है ? 

उ.   मागधी भाषा |


प्र.7 भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख किसके है ? 

उ.   सम्राट अशोक मौर्य |


प्र.8 भारत में प्रथम संस्कृत अभिलेख किसका है ? 

उ.   शिवादित्य का मण्डोर अभिलेख |


प्र.9 विराट नगर अभिलेख में सम्राट अशोक मौर्य के कितने अभिलेख प्राप्त हुये है ? 

उ.    दो |

 

प्र.10 विराट नगर अभिलेखों में मिलने वाले अभिलेखों के नाम क्या है ? 

उ.     भ्राबू शिलाफलक व बैराठ अभिलेख |


प्र.11 कप्तान बर्ट को विराट नगर में  ' बीजक की पहाड़ी ' पर मिलने वाला अभिलेख कौनसा है ? 

उ.     भ्राबू शिला फलक |

 

प्र.12 सम्राट अशोक मौर्य को बौध्द सिध्द करने वाला अभिलेख कौनसा है ? 

उ.      विराट नगर अभिलेख |


प्र.13 नगरी अभिलेख निम्न में से कौनसे संग्रहालय में सुरक्षित है ? 

उ.     उदयपुर संग्रहालय |


प्र.14 वह अभिलेख कौनसा है जिसमें सब जीवों के लिये कोई ना कोई नियम है ? 

उ.      नगरी का लेख |


प्र.15 घोसुण्डी शिलालेख कहॉं से प्राप्त हुआ व कहॉं सुरक्षित है ? 

उ.     चित्तोड़गढ़ व उदयपुर संग्रहालय |


प्र.16 राजस्थान में वैष्णव (भागवत) संप्रदाय से संबंधित प्राचीनतम अभिलेख कौनसा है ? 

उ.     घोसुण्डी अभिलेख |


प्र.17 राजस्थान का प्राचीनतम शिलालेख कौनसा है ? 

उ.     बरली का शिलालेख  |

 

प्र.18 वह अभिलेख कौनसा है जिसमें चित्तोड़गढ़ किले के निर्माण का उल्लेख है ?

उ.     मानमोरी अभिलेख |


प्र.19 मानमोरी अभिलेख का प्रशस्तिकार कौन था ? 

उ.     पुष्य |


प्र.20 अमृत मंथन की कथा एवं उसके संबंध में कर के उल्लेख का विवरण कौनसे अभिलेख में है ? 

उ.      मानमोरी अभिलेख |


प्र.21 वह अभिलेख कौनसा है जो आकृति में गोलाकार है ? 

उ.     नांदसा यूप - स्तम्भ लेख |


प्र.22 नांदसा यूप - स्तम्भ अभिलेख का निर्माता कौन था ? 

उ.     सोम |


प्र.23 बड़वा यूप अभिलेख कहॉं पर स्थित है ? 

उ.     कोटा |


प्र.24 मौखरी राजाओं का सबसे पुराना व पहला अभिलेख कौनसा है ? 

उ.     बड़वा यूप अभिलेख |


प्र.25 " नगरी का शिलालेख " को उत्खन्न के द्वारा प्राप्त कर्ता कौन थे ? 

उ.      डी. आर भण्डारकर |


प्र.26 " नगरी का शिलालेख " कौनसे संग्रहालय में सुरक्षित है ? 

उ.     अजमेर संग्रहालय |


प्र.27 भ्रमरमाता का लेख कहॉं पर स्थित है ? 

उ.     छोटी सादडी |


प्र.28 गौरवंश तथा औलिकार वंश के शासकों का वर्णन किस अभिलेख में मिलता है ? 

उ.     भ्रमरमाता का लेख |


प्र.29 भ्रमरमाता लेख के रचयिता व लेखक कौन था ? 

उ.     मित्रसोम का पुत्र ब्रह्मसोम व लेखक पूर्वा |


प्र.30 ' अपराजित राजपुत्र गोभट्ट्पादानुध्यात् ' पंक्ति कौनसे अभिलेख में है ? 

उ.       भ्रमरमाता  अभिलेख |


Comments

  1. अच्छे उपयोगी नोट्स है । टॉपिक की फुल डीप स्टडी ।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

राजस्थान के महत्वपुर्ण प्राचीन अभिलेख | Rajasthan ke pramukh abhilekh

    राजस्थान के महत्वपुर्ण प्राचीन अभिलेख पुरातात्विक स्रोतों के अंतर्गत महत्वपूर्ण स्रोत अभिलेख   हैं। इनमें वंशावली,  तिथि, विजय, दान, उपाधि, नियम, उप नियम,सामाजिक नियमावली अथवा आचार संहिता, विशेष घटना आदि का विवरण उत्कीर्ण करवाया जाता रहा है। जिन अभिलेखों में मात्र किसी शासक की उपलब्धियों की यशोगाथा होती है , उसे ‌‌'प्रशस्ति' कहते हैं। अभिलेखों के अध्ययन को 'ए‌‌पिग्राफी ' कहते हैं। अभिलेखों में शिलालेख, स्तंभ लेख, गुहालेख, मूर्ति लेख, पट्टलेख , आदि आते हैं अर्थात पत्थर, धातु आदि पर लिखे लेख सम्मिलित है। भारत में सबसे प्राचीन अभिलेख अशोक मौर्य के हैं जो प्राकृत मागधी भाषा एवं मुख्यतया ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। शक शासक रूद्र दामन का जूनागढ़ अभिलेख भारत में पहला संस्कृत का अभिलेख हैं। राजस्थान के अभिलेखों की प्रमुख भाषा संस्कृत एवं राजस्थानी है। इनकी शैली गद्य -पद्य है तथा इनकी लिपि महाजनी एवं हर्षकालीन है,लेकिन नागरी लिपि को विशेष रूप से काम में लाया गया है। राजस्थान के इतिहास से सम्बन्धित प्रमुख अभिलेख निम्नलिखित है

राजस्थान इतिहास के प्रमुख ख्यात साहित्य

                          राजस्थान इतिहास के प्रमुख ख्यात साहित्य  -  ख्यात का अर्थ होता है ख्याति अर्थात यह किसी राजा महाराजा की प्रशंसा मे लिखा गया ग्रंथ।   - ख्यात में अतिश्योक्ति में पूर्ण प्रशंसा की जाती है।   - राजस्थान के इतिहास मे 16 वीं शताब्दी के बाद के इतिहास में ख्यातों का महत्वपुर्ण स्थान है।   -  ख्यात विस्तृत इतिहास होता है जबकि ' वात ' संक्षिप्त इतिहास होता है।   - यह वंशावली व प्रशस्ति लेखन का विस्तृत रुप होता है।   - ख्यात साहित्य गद्य मे लिखा गया है।   - प्रतिभाशाली शासको की ख्यातें भी लिखी गयी , उदाहरण के लिये जोधपुर के महाराजा अजीतसिंह की ख्यात रची गयी। 

राजस्थान इतिहास के आधुनिक इतिहासकार

               राजस्थान इतिहास के आधुनिक इतिहासकार  कर्नल जेम्स टॉड, इंग्लैण्ड (1782 - 1835 ई.)  - कर्नल जेम्स टॉड ब्रिटिश निवासी थे जो 1800 ई. में ईस्ट इण्डिया कम्पनी में कार्य करने लगे।   - कर्नल जेम्स टॉड  1806 ई. के जून महिने में उदयपूर आया था।   - कर्नल जेम्स टॉड 1812 - 17 ई. तक लगातार राजस्थान भ्रमण करके ऐतिहासिक साम्रगी का संग्रह किया था।   - 8 मार्च 1818 को कर्नल जेम्स टॉड  मेवाड़ और हाड़ौती का पॉलिटिकल एजेंट ( दक्षिण - पश्चिमी राजपूताने का रेजीडेन्ट ) नियुक्त होकर उदयपूर पहूचां।